Wednesday, April 4, 2018

खुद को भुलाकर देखिये तो...


कभी खुद को भुलाकर देखिये तो

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यहाँ हर दिल में प्यार छिपा है
कभी प्यार की नजरो से देखिये तो,

दुसरो की बाहों में भी वही सुकून है
जरा खुद की बाहें खोलिए तो,

सियासत की लाचारी और दुसरो के जख्म,
जरा सीरिया जेक देखिये तो,

कितना सुकून है इंसानियत में,
जरा राजनीति से बाहर आके देखिये तो,

कोई जाती छोटी, या कोई इंसान बड़ा नही होता
ये सब मानवता के चेहरे है बस
जरा अपना कद घटा के देखिये तो,

यहाँ तो हर कोई अपना है
जरा खुद को भुला कर देखिये तो...
..
BY-ANIL SHARMA

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