Wednesday, June 20, 2018

वो कुछ लम्हें...


वो कुछ लम्हें.....

---------------------------------------
वो कुछ पल जो बयां नही किये जा सकते
कैसे कह दूँ वो लम्हें भुलाये नही जा सकते
तुम्हारे होठों की वो पहली छुवन
सांसो की वो गरमाहट
तुम्हरी जुल्फों के वो वेराहे रास्ते
जो शायद तुझ तक नही जाते ..
उस रास्ते के वो दर्द बयां नही किये जा सकते
कैसे कह दू वो लम्हे भुलाये नही जा सकते....|

आज यादों ने मुझसे मिलने की कोशिश की है
उन यादों में थोड़ी धुन्दलाहट सी है
तुमको न पाने की बेबसी भी है
यादों की श्याही समय के पन्नो पर
बड़ी लाचार सी लगती है
पन्नो का क्यों मुझमे एकीकार नही किया जा सकता
फिर कैसे कह दू की उन लम्हों को भुलाया नही जा सकता ||

अनोखा रिश्ता

अनोखा रिश्ता-1 ---------------------------------------------- शाम का समय था लगभग 7 बजे होंगे ,एक टेबल पर बैठा करन कॉफी पी रहा था चार...