Friday, February 16, 2018

याद है




याद है 

धीरे धीरे रात दिन दिल का फिसलना याद है
हमको तुम्हारी आशिकी में सिसकना याद है ....
वो दिल का धडकना तेरा ,
वो चेहरे का खिलना तेरा,
हमको तुम्हारे चेहरे का वो शर्माना याद है
धीरे धीरे रात दिन दिल का फिसलना याद है
हमको .........................................
शाम डले छुपना तेरा ,
चाँद टेल निकलना तेरा ,
तुझे देख कर वो चाँद का जलना याद है .
हमको तुम्हारे चेहरे का वो शर्माना याद है.....
धीरे धीरे ....................

अनोखा रिश्ता

अनोखा रिश्ता-1 ---------------------------------------------- शाम का समय था लगभग 7 बजे होंगे ,एक टेबल पर बैठा करन कॉफी पी रहा था चार...