फिर से वो पल जीने को जी चाहता है ,
दोबारा जीने को वो जिंदगी दिल चाहता है |
बहुत कोशिशो के बाद जीना सीख लिया था ,
समय के मरहम से दर्द को छुपाना सीख लिया था,
कुछ दिनों से लगता है जैसे खुद से मिल गया हूँ मै ,
खुद से खुद को जुदा करना कौन चाहता है ,
फिर से वो पल जीने को जी चाहता है
दोबारा जीने को को जिन्दगी दिल चाहता है ||
बड़ी बेरुखी से टूट गया वो धागा ,
जो मन को बांधे रखता था ,
बड़ी मासूमियत से छूट गया वो हाथ
जो हमको थामे रखता था
उस धागे संग बिछडना कौन चाहता है
फिर वो पल जीने को जी चाहता है.
दोबारा जीने को वो जिन्दगी जी चाहता है ||
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