तेरा शाम को टहलना याद है
तुझे देख दिल का खिलना याद है,
यू तो फूँक फूँक कर कदम रखते थे हम ,
पर तेरी चाल पर दिल का फिसलना याद है ,
तेरी खूबसूरती की चर्चा थी उन दिनों,
क़त्ल करने निकलती थी जब सड़को पर,
यूँ तो दीवाने बहुत थे तेरे,
पर मेरे दिल के लिए तेरे दिल का मचलना याद है,
तेरा शाम को टहलना याद है |
सुना था बहुत पत्थर दिल है तू,
फिकर नही थी किसी की तुझे,
पर जब दर्द कभी उठा मुझे तो ,
तेरा मोम की तरह पिघलना याद है;
तेरा शाम को टहलना याद है, |
अजीब नियम थे तेरे प्यार के लिए ,
बहुत नीच सामझती थी तू इसे,
मेरी क्या कशिश थी मेरे प्यार की,
तेरा गिर कर बदलना याद है,
तेरा शाम को टहलना याद है |
बे-लगाम थी जिन्दगी मेरी ,
मारा मारा फिरता रहता था ,
जब हुई मोहब्बत तुझसे ,
तेरी यादो में डलना याद है ,
तेरा शाम को टहलना याद है, |
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