Saturday, September 1, 2018

जब तुमको देखा करता था

जब तुमको देखा करता था

----------------------------------------------------------

बंद आँखों से तुमको देखा था
आज नही वो कल था
वो मेरा बीता कल था
हर बीते कल में तुझको खोजा करता था
जब तुमको देखा करता था

उन श्याह काली रातों में
चहुँओर चाँदनी रातों में
दिल की गहरी आमक में
तुमको खोज करता था
जब तुमको देखा करता था

वो बंद खिड़की
खुले आसमान को दिखाती थी
मेरे सपनो पर चलते हुऐ
मेरी नींद दौड़ा करती थी
तुम्हारी सागर जैसी आँखों में
साहिल बन दौड़ा करता था
जब तुमको देखा करता था
---------------------------------
-PRATEEK

No comments:

Post a Comment

अनोखा रिश्ता

अनोखा रिश्ता-1 ---------------------------------------------- शाम का समय था लगभग 7 बजे होंगे ,एक टेबल पर बैठा करन कॉफी पी रहा था चार...