जब तुमको देखा करता था
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बंद आँखों से तुमको देखा था
आज नही वो कल था
वो मेरा बीता कल था
हर बीते कल में तुझको खोजा करता था
जब तुमको देखा करता था
उन श्याह काली रातों में
चहुँओर चाँदनी रातों में
दिल की गहरी आमक में
तुमको खोज करता था
जब तुमको देखा करता था
वो बंद खिड़की
खुले आसमान को दिखाती थी
मेरे सपनो पर चलते हुऐ
मेरी नींद दौड़ा करती थी
तुम्हारी सागर जैसी आँखों में
साहिल बन दौड़ा करता था
जब तुमको देखा करता था
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-PRATEEK
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